Saturday, 25 July 2015

झ्याप्पै ठेस लाग्यो

नागबेली केश देख्दा मलाई बेश लाग्यो
चन्द्ररुपी मुहार देख्दा झ्याप्पै ठेस लाग्यो।
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कहाँ छु म, को हू म, होसै उड्यो कस्तो
आफ्नै आगन पनि मलाई अर्कै देश जस्तो।
गजालु ती आँखा देख्दा मलाई बेश लाग्यो
परी जस्ती मोरी देख्दा झ्याप्पै ठेस लाग्यो
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तिम्रो चाल, जीउ डाल वर्णन गरुँ कसरी
तिम्रो बोली अनि वचन सङ्गीत बजे जसरी
गुलाबी ती ओठ देख्दा मलाई बेश लाग्यो
बैशालु जोवन देख्दा झ्याप्पै ठेस लाग्यो।
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तिम्लाइ पाउने चाहनामा बर्सौ बर्ष बित्यो
आखिरीमा त्यो तनले यो मन लाई जित्यो।
तिम्रा ती यौवन देख्दा मलाई बेश लाग्यो
राता राता गाला देख्दा झ्याप्पै ठेस लाग्यो
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नागबेली केश देख्दा मलाई बेश लाग्यो।
चन्द्ररुपी मुहार देख्दा झ्याप्पै ठेस लाग्यो।

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आँखामा तिम्रो तस्वीर छ मनमा तिम्रै पीर छ कमाउन भनी म आको दु:खमा मेरो शरीर छ।